Monday 20 October 2014

उन्न्त पषु पालन से मिलेगी दुग्ध उत्पादन में हमें आत्म निर्भरता-डाॅ0 भार्गव

 सोहागपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत जोधपुर में आयोजित सांध्यकालीन किसान संगोष्ठी

 शहडोल 17 अक्टूवर 2014  कलेक्टर डाॅ0 अषोक कुमार भार्गव ने कहा कि खेती के साथ पषु पालन, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन से किसान की अर्थव्यवस्था मजबूत और सृदृढ होगी। उन्होने कहा कि उन्नत नस्ल के पषुओं के पालन से किसान की अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही हम दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्म निर्भर होंगे। उन्होने किसानों से कहा कि शहडोल जिले में पषु पालन की विपुल संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुये जिले के किसान पषु पालन करें और पषु सम्पदा को समृद्ध बनायें। कलेक्टर डाॅ0 अषोक कुमार भार्गव गुरूवार को सोहागपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत जोधपुर में आयोजित सांध्यकालीन किसान संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि हमारे पूर्वज खेती के साथ पषु पालन का महत्व समझते थे और खेती के साथ पषु पालन कर पषु सम्पदा को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उन्होने कहा कि हमारे ग्रंथों में गाय को गौमाता कहा गया है। वास्तव में गाय हमारे लिये मां के समान है। कलेक्टर ने कहा कि गाय की उन्नत नस्ले जैसे जर्सी, एच.एफ.एल. साहीवाल, गिर दूध उत्पादन के लिये बहुत लाभदायी है। किसान इन नस्लों की गायों के अलावा भैंस उन्नत नस्लें पालकर अच्छा मुनाफा अर्जित कर सकता है। कलेक्टर ने बताया उन्नत पषु पालन के लिये मध्य प्रदेष सरकार विभिन्न योजनायंे संचालित कर रही है। किसान इन योजनाओं से भी लाभ उठा सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि ऐरा प्रथा पषु पालको के लिये अभिषाप है। उन्होने कहा कि शहडोल जिले में ऐरा प्रथा के कारण पषुओं का उचित तरीके से संरक्षण और संर्वधन नही हो पा रहा है। जिसके कारण हमारा पषुधन हमें समुचित लाभ नही दे पा रहा है। कलेक्टर ने किसानो से कहा कि ऐरा प्रथा को बंद कर पषुधन की ठीक से सुरक्षा करें। कलेक्टर ने कहा कि हम चाहे जितना विकास कर लें हमें पेट की आग बुझाने के लिये अनाज चाहिये और यह अनाज किसान निस्काम कर्मयोगी की तरह श्रम करते हुये हमारे लिये उत्पन्न करता है। उन्होने कहा कि किसान की आंखों खुषहाली और समृद्धी की चमक हो, इसके लिये कृषि को लाभ का धंधा बनाना आवष्यक है। उन्होन कहा कि हमारे सामने आज यह चुनौती है कि हम सीमित खेती योग्य भूमि में देष की तीव्रगति ेस बढती हुई आबादी के लिये खाद्यान्न का उत्पादन कैसे करें। उन्होने कहा कि हमारे किसान उन्नत कृषि तकनीकी अपनाकर बिपुल खाद्यान्न का उत्पादन कर सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि शहडोल जिले में धान, अरहर, प्याज, चना, सरसो और मक्के की उन्नत खेती के लिये किसानों को निरंतर प्रेरित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि जिले के किसान उन्नत खेती को अपना रहें हैं। उन्होने कहा कि शहडोल जिले में धान की श्री पद्धति से की जा रही खेती के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। जिले के किसान धान की श्री पद्धति और अरहर उत्पादन की धारवाड़ पद्धति को अपना रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है गांव हमारी संास्कृतिक चेतना के सुन्दर पृष्ठ हैं, जहां हमारे मेहनत कष किसान रहते हैं। हमारे किसान ठिठुरती सर्दी में, अंधेरी रात्रि में और तपती दोपहरी में भी खेत में काम करते नजर आते हैं। हमारे किसान दूसरों के लिये आनाज का उत्पादन कर, स्वयं आभावों में रहते हुये भी सदैव खुष रहते हैं। कलेक्टर ने कहा कि देष की धमनियां षिराओं को ऊर्जा प्रदान करने में भारतीय किसान का बहुत बडा योगदान है। कलेक्टर ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का लगभग 28 प्रतिषत योगदान है। हमारे विदेषी निर्यात में हमारे किसानों का 18 प्रतिषत योगदान है। कलेक्टर ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक चेतना में ब्रम्हा सृजन का कार्य करता है। ब्रम्हा के समान ही हमारा किसान खेत में बीज बोकर सृजन का कार्य करता है। विष्णु सृष्टि का पालन पोषण करते हैं। किसान भी अपनी फसल की रखवाली करते हुये फसल का पालन पोषण करता है और कीट पतंगों का महेष की तरह संहार करता है। हमारा भारतीय किसान भी फसल की रक्षा करने के लिये हानिकारक कीटों का संहार करता है। कलेक्टर ने कहा कि मेरे विचारों के अनुसार भारतीय किसान, ब्रम्हा, विष्णु और महेष का समन्वित रूप है। कलेक्टर ने कहा कि किसान दिन-रात मेहनत करके खेत मे अनाज का उत्पादन करता है। इस कार्य में महिलायें भी किसानों का सहयोग करती है। जिसका आॅकलन नही होता है। कलेक्टर ने कहा कि किसान खुषहाल रहें। खेती को लाभ का धंधा बनाकर समृद्धि की ओर बढ सके, इसी को दिृष्टिगत रखते हुये मध्य प्रदेष में किसान महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 33 करोड़ थी, आज 1 अरब 26 करोड़ है। इतनी बडी आबादी कें लिये खाद्यान, आवास, स्वास्थ्य की बुनियादी जरूरतों की आवष्याकता होगी। इसके साथ ही रोजगार की भी आवष्याकता होगी। उन्होने कहा कि इन आवष्यकताओं की पूर्ति के लिये हमें कृषि केा लाभ का धंधा बनाने की आवष्यकता है ताकि हम आने वाली पीढ़ी को भरपूर भोजन उपलब्ध करा सकें। ं। किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कृषि वैज्ञानिक डाॅ. एन0पी0 त्रिपाठी ने कहा कि फसल की अच्छी पैदावार के लिए किसान भाई मिट्टी को ताकतवर बनाए। उन्होंने कहा कि मिट्टी को ताकतवर बनाने के लिए खाद का समन्वित उपयोग करें तथा मिट्टी परीक्षण कर यह ज्ञात करें कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्वों की कमी है मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी पाए जाने पर मिट्टी में पोषक तत्व डाले, उन्होने बताया कि किसान भाई 03 वर्ष में एक बार जमीन की गहरी जुताई करायें। उन्होने बताया कि जमीन की गहरी जुताई करने से जमीन में पानी धारण करने की क्षमता बढ जाती है। उन्होने बताया कि फसल की बोनी लाईन से करने से उत्पादन बढता है। कृषि वैज्ञानिक श्री त्रिपाठी ने बताया कि सरसों की रोपा पद्धति से बोनी कर किसान दुगना लाभ अर्जित कर सकते है। उन्होने बताया कि इस पद्धति से शहडोल संभाग के उमरिया और शहडोल जिले के किसानों द्वारा खेती कर अच्छा लाभ अर्जित किया जा रहा है। उन्होने बताया कि चने की खेती के साथ कुछ मात्रा में धनिये की अंतवर्ती खेती करने से कीट नियंत्रण में अच्छा लाभ होता है। किसानांे को गेहूं, धान, सरसों, मटर, की उन्नत किस्मों की भी जानकारी दें। किसान संगोष्ठी में पषुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, और रेषम विभाग के अधिकारियों ने भी किसानों को जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्टर डाॅ. अषोक कुमार भार्गव ने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड एवं अन्नपूर्णा योजना के मिनी किट्स वितरित किए। इस अवसर पर तहसीलदार श्री विकास सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सोहागपुर श्री संतोष पटेल, सरपंच जोधपुर श्री झूरू कोल, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुनीता तार्किहार एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। किसान संगोष्ठी का संचालन कृषि वैज्ञानिक सुश्री मोनिका तिवारी ने किया।

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